पिछले साल फेब्रुअरी में , गूगल और व्हाट्सप्प कुछ पब्लिक ग्रुप से जुड़ी जानकारी चैट्स और मेंबर इनफार्मेशन के साथ सुर्ख़ियों में रहे। और व्हाट्सप्प के पब्लिक ग्रुप और मेंबर्स की जानकारी गूगल सर्च रिजल्ट में दिखाई दे रहा था। हालाँकि इस समस्या को जल्द ही हल कर लिया गया और व्हाट्सप्प प्रोफाइल और ग्रुप की जानकारियों को छिपा दिया गया। लेकिन साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर राजशेखर के अनुसार कुछ व्हाट्सप्प ग्रुप्स और प्रोफाइल फिर से गूगल सर्च में दिखाई देने लगा है।
इस बार उपयोगकर्ताओं का फ़ोन नम्बर और प्रोफाइल पिक्चर भी दिखाई दे रहा और स्थिति पहले से भी बहुत गंभीर है। कोई भी अब URL को गूगल पे सर्च कर के ग्रुप ज्वाइन कर सकता है। वह उपयोगकर्ता लिंक के द्वारा ग्रुप में जुड़ सकता है। इतना ही नहीं वह सभी पार्टिसिपेंट्स को उनके नंबर और पोस्ट के साथ देख सकता है। हालाँकि रिपोर्ट के अनुसार लगभग 1500 ग्रुप्स के इन्वाइट लिंक्स गूगल सर्च रिजल्ट पर पहले से ही मौजूद है।
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जबकि Google द्वारा इंडेक्स्ड कुछ समूह उपयोगकर्ताओं को अश्लील सामग्री की ओर ले जाते हैं, अन्य कुछ उपयोगकर्ता हितों के लिए विशिष्ट हैं। राजहरिआ ने कहा कि फेसबुक का इंस्टेंट मैसेंजर robots.txt फाइल का उपयोग नहीं कर रहा है chat.whatsapp.com सब डोमेन के लिए। सर्च क्रॉलरों को इंडेक्सिंग कंटेंट से रोकने के लिए कंपनियां robots.txt का उपयोग करती हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार उपयोगकर्ता प्रोफाइल के लिए, Google ने अपनी प्रोफ़ाइल इमेजेस और नामों के साथ उपयोगकर्ताओं के प्राइवेट एकाउंट्स को दिखाना शुरू कर दिया है। व्हाट्सएप के डोमेन पर देश कोड खोजकर उपयोगकर्ता प्रोफाइल को देखना संभव है। कहा जाता है कि 5,000 प्रोफ़ाइल अब के लिए सार्वजनिक कर दी गई हैं। राजाहरिया के अनुसार, व्हाट्सएप यहां भी robots.txt फ़ाइल का उपयोग नहीं कर रहा है।
Your @WhatsApp groups may not be as secure as you think they are. WhatsApp Group Chat Invite Links, User Profiles Made Public Again on @Google Again.
— Rajshekhar Rajaharia (@rajaharia) January 10, 2021
Story – https://t.co/GK2KrCtm8J#Infosec #Privacy #Whatsapp #infosecurity #CyberSecurity #GDPR #DataSecurity #dataprotection pic.twitter.com/7PvLYuM9xD
It has been rectified now, I guess, now! But I do agree, this kind of breaches, raises serious credibility concerns.
— Wrishin Bhattacharya (@ScaredCommonMan) January 11, 2021
I think it's better to switch to other secured applications like @signalapp or @telegram… pic.twitter.com/1y5EcdwN6z
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