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होम ऑटोमेशन से स्मार्ट होम कैसे बनाए? और यह कैसे काम करता है?

Home automation

कैसा होगा अगर आप घर के गेट पर पहुंचे और घर की लाइट खुद से जल जाय। कैसा होगा की आप बहार से आए या फिर सुबह आप उठे और कॉफ़ी आप को खुद बन कर मिल जाए। कैसा होगा अगर आप का घर आप से बाते करने लगे ? आप का घर आप के जरूरतों को समझ सके। कैसा होगा की आप घर में आप के इशारो पर घर की इलेक्ट्रिक डिवाइस कण्ट्रोल हो जाय। जैसे टर्न द लाइट ऑन या टर्न द लाइट ऑफ और लाइट अपने आप बंद हो जय या जल जाय। जी हां इसे ही होम ऑटोमेशन कहा जाता है। आइये इसके बारे में विस्तार से जाने।

जानिये होम ऑटोमेशन क्या है ?

वो तरीका जिससे आप के घर में रखी इलेक्ट्रिक डिवाइसेस को कंट्रोल किया जा सके उसे होम ऑटोमेशन कहते है। इसमें डिवाइसेस वाईफाई के जरिये इंटरनेट से कनेक्टेड रहता है जिससे डिवाइसेस को रेमॉटली कण्ट्रोल किया जा सकता है। आप इन डिवाइसेस को मैन्युअली और अप्प के जरिये कण्ट्रोल कर सकते है। इसके साथ ऑटो कण्ट्रोल भी कर सकते है की डिवाइस खुद एक विशेष समय पर अपना काम शुरू कर दे।

जैसे : मान लीजिये आप लाइट खुली छोड़ कर ऑफिस चले गए, या घर के AC को खुली छोड़ कहि बहार चले गए, जिससे आप की इलेक्ट्रिसिटी की फुजूल खपत होगी जिससे आप को अधिक पैसा बिल कर रूप में भरना पड़ सकता है। इसके साथ अगर आप घर की कोई भी इलेक्ट्रिक डिवाइस को बंद करना चाहते है बिना घर पर रहे इसके लिए ऑटोमेशन की जरूरत पड़ती है। यह आप की लाइफ स्टाइल को आसान बनता है और आप की एनर्जी, समय और बिजली की फुजूल खर्ची को बचता है।

क्या अंतर है इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स और होम ऑटोमेशन में?

इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स (IoT), वो सभी डिवाइसेस जो इंटरनेट से कनेक्ट होते है और इंटरनेट से संचलित हो सके उन्हें इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स खा जाता है। जैसे स्मार्ट बल्ब्स, स्मार्ट कॉफ़ी मशीन आदि। और जैसे सुबह आप के उठने से पहले घर की लाइट जल जाये , AC बंद हो जाए, कफ मशीन से कॉफ़ी बन जाए आदि आप की रोजमर्रा का काम आसान हो जाए ये सभी चीजे इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स कहलाती है। मगर इन्हे संचालित करने का काम ऑटोमेशन करता है।

होम ऑटोमेशन ज्यादा सुरक्षित होता है इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स से क्योकि होम ऑटोमेशन से संचालित सभी डिवाइसेस एक दूसरे से कनेक्टेड होते है और डाटा किस ट्रस्टेड प्लेटफार्म गूगल क्लाउड या किसी भी ट्रस्टेड सर्वर पर सेव होता है जबकि इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स में सभी चीजे डायरेक्ट इनेर्नेट से कनेक्ट हो कर अपने बाय डिफ़ॉल्ट सर्वर पर सेव होता है।

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होम ऑटोमेशन एक नेटवर्क के द्वारा संचलित होता है इसमें डिवाइस इंटरनेट, ब्लूटूथ और अन्य माध्यमों के द्वारा डिवाइसेस से जुड़ा रहता है। उसके बाद डिवाइस को मैनेज करने के लिए एक कंट्रोलर होता है उसके लिए APP या फिर वौइस् कंट्रोलर के तौर पर अमेज़न अलेक्सा और Google Assistance का प्रयोग किया जाता है।

इसके साथ कई IoT डिवाइसेस में सेंसर होते है जो अपने आस पास के वातावरण को पहचान कर उसके हिसाब से हरकत करते है जैसे तापमान बढ़ने पर AC का चल जाना, जैसे शाम के 7 बजने पर घर व गार्डेन की लाइट जल जाना, किसी अनजान व्यक्ति के आने पर मोशन सेंसर के द्वारा आलराम का बजना आदि इसी तरह के बहुत से उदाहरण हो सकते है।

होम ऑटोमेशन तीन लेवल पर काम करता है :

1 . मॉनिटरिंग : उदाहरण के तौर पर, इसके द्वारा यूजर कहि से भी मॉनिटरिंग डिवाइसेस के जरिये अपने घर पर कही से भी नजर रख सकता है।

2 . कण्ट्रोल : इसके जरिये यूजर जरूरत पड़ने पर डिवाइसेस को कहि से भी कण्ट्रोल कर सकता है।

3 . ऑटोमेशन : उदाहरण के तौर पर, इसमें अगर कोई अनजान व्यक्ति आप के घर पर कोई गलत गतिविधि करे तो डिवाइस एक साईरन अलार्म बजा दे और आस पास के लोगो को सूचित कर दे।

होम ऑटोमेशन के लिए किन कंपोनेंट्स की आवश्यकता होती है ?

गर आप का घर छोटा है और डिवाइसेस ज्यादा नहीं है तो कुछ आप्लिकेशन के जरिये आप अपने डिवाइसेस को कनेक्ट कर ब्लूटूथ या वाईफाई से कण्ट्रोल क्र सकते है। अगर घर बड़ा है और सिक्योरिटी भी चाहते है अपने होम डाटा का तो आप क्लाउड सर्वर का उसे कर सकते है इसके लिए आप को एक ऑटोमेशन सिस्टम को कण्ट्रोल करने के लिए हब की आवश्यकता होटी है।

रिमोट कण्ट्रोल

रिमोट कण्ट्रोल जिसके जरिये डिवाइस को आप कहि से भी कण्ट्रोल कर करते है उसमे मोबाइल एप्लीकेशन का प्रयोग कर सकते है।

वौइस् कण्ट्रोल डिवाइसेस :

Google Assistance
Amazon Echo

वौइस् असिस्टेंस का प्रयोग कर सकते है उसके लिए आप Google Assistance या Amazon Echo का प्रयोग कर सकते है।

क्या होम ऑटोमेशन सुरक्षित है ?

जैसा की आप जानते है होम ऑटोमेशन वो जरिया है जिससे सभी IoT डिवाइसेस को अपने जरूरत के हिसाब से कण्ट्रोल किया जाता है। तो सुरक्षा के मामले में यह बेहद जरूरी है की आप इंटरनेट के बारे में कितना जानते है। जितनी भी IoT डिवाइसेस होती है वो किसी न किसी थर्ड पार्टी सर्वर से जुड़े होते है जहां सारा डाटा सेव होता है। तो आप को यह सुनिश्चित करना होगा की डाटा आप के हिसाब से सेव हो उसके लिए आप अपना खुद का VPN सर्वर होना चाहिए।

आप डिवाइसेस का पासवर्ड अपने हिसाब से बनाइये, कंपनी का राऊटर का प्रयोग करे और अपने हिसाब से उसको कॉन्फ़िगर करे। आप को डिवाइसेस की प्राइवेसी पालिसी का अच्छे से जानकारी होना चाइये। वाईफाई का पसवर्ड आप खुद से चुने और सभी डिवाइसेस का सेपरेट वाईफाई नेटवर्क हो। इसके साथ पासवर्ड स्ट्रांग बनाये।

सॉफ्टवेयर का अपडेट समय के साथ कृते रहे। और मुख्य तौर पे ये सुनिश्चित करिये की होम ऑटोमेशन सेरिसेस प्रोवाइड करने वाली कम्पनी की प्राइवेसी पालिसी क्या है। और क्या वह एक ट्रस्टेड कंपनी है? यह सब सुनिश्चित करने के बाद आप का डाटा सेव है।


होम ऑटोमेशन से जुडी कोई सवाल हो या कोई भी अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से संपर्क कर सकते है :


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